हृदयरक्तवाहिकाओं का विकार (CVD)

हृदय और रक्त वाहिकाओं के विकारों के कारण हृदयरक्तवाहिकाओं के विकार (Cardiovascular disease) का निर्माण होता है और उसमें निम्न बातें शामिल हैं-

  • ह्रुद्धमनी रोग (Coronary heart disease ) - हृदय की मांसपेशी को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं का रोग
  • प्रमस्तिष्कवाहिकीय रोग (Cerebrovascular disease) - मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं का रोग
  • परिधीय धमनी रोग (Peripheral arterial disease) – हाथों और पैरों को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं का रोग
  • आमवाती हृदय रोग (Rheumatic heart disease) - स्ट्रेप्टोकोकल (streptococcal) बैक्टीरिया की वजह से आमवाती बुखार के कारण हृदय की मांसपेशी और ह्रदय के वाल्व को होनेवाला नुकसान
  • जन्मजात हृदय रोग (Congenital heart disease) - जन्म के समय मौजूद दिल की संरचना की विरूपताएं
  • गहरी शिरा घनास्त्रता और फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता – पैर की नसों में खून के थक्के जो विस्थापित होकर दिल और फेफड़ों की ओर जा सकते हैं

कारण/जोखिम कारक h2>

हृदय रोग और स्ट्रोक की जोखिम के कारक निम्नानुसार हैं -

  • अस्वास्थ्यकर आहार
  • पर्याप्त शारीरिक गतिविधि का अभाव
  • तंबाकू का सेवन
  • शराब का अत्यधिक सेवन

लक्षण:

ज्यादातर मामलों में रक्त वाहिकाओं की अंतर्निहित बीमारी के कोई लक्षण नहीं होते हैं। दिल का दौरा पड़ना या स्ट्रोक अंतर्निहित बीमारी की पहली चेतावनी हो सकती है।

दिल के दौरे के लक्षणों में निम्नलिखित बातें शामिल हैं: :

  • छाती का केंद्र, बांह, बायां कंधा, कोहनी, जबड़ा या पीठ में दर्द/बेचैनी
  • हांफना
  • मतली या उल्टी
  • चक्कर आना या बेहोशी
  • पसीना आना और पीला पड़ना

स्ट्रोक के लक्षणों में निम्नलिखित बातें शामिल हैं:

  • सबसे आम लक्षण - चेहरा, बांह या पैर इनमें आम तौर पर शरीर के एक तरफ अचानक कमजोरी
  • आम तौर पर शरीर के एक तरफ चेहरा, हाथ या पैर अकड़ जाना
  • भ्रम, बोलने में या समझने में कठिनाई
  • एक या दोनों आंखों से देखने में समस्या
  • चलने में समस्या, चक्कर आना, संतुलन या समन्वय का नुकसान
  • कोई ज्ञात कारण के बिना गंभीर सिर दर्द
  • बेहोशी

आमवाती हृदय रोग के लक्षणों में निम्नलिखित बातें शामिल हैं:

  • हांफना
  • बेहद थकान महसूस करना
  • अनियमित दिल की धड़कन
  • सीने में दर्द
  • बेहोशी

निदान और उपचार

हृदय रोग से ग्रस्त लोग या हृदय रोग के विकास की उच्च जोखिम वाले लोग (उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त ग्लूकोज, लिपिड का असामान्य स्तर या पहले से ही स्थापित बीमारी जैसे एक से अधिक जोखिम कारकों की उपस्थिति) इन्हें जैसे उचित हो, उस प्रकार जल्दी पहचान और परामर्श के साथ उपचार और दवाओं की जरूरत होती है।

रोकथाम

तंबाकू का प्रयोग, अस्वास्थ्यकर आहार और मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता और शराब का हानिकारक उपयोग जैसी स्वभाव संबधी जोखिम कारकों पर ध्यान देकर जनसंख्या अनुसार रणनीतियों का उपयोग करके अधिकांश हृदयरक्तवाहिकाओं के विकार (Cardiovascular disease) को रोका जा सकता है।

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